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रंगों का मिश्रण: जब दो रंग मिलते हैं तो क्या होता है?

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दो रंगों को मिलाने पर परिणामी रंग कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें शामिल रंगों के प्रकार, उनके अनुपात और उपयोग किए जाने वाले रंग मॉडल शामिल हैं। रंगों के तीन प्राथमिक प्रकार हैं: प्राथमिक रंग, द्वितीयक रंग और तृतीयक रंग।

प्राथमिक रंग लाल, पीला और नीला हैं। ये रंग किसी अन्य रंग से नहीं बनाए जा सकते हैं।

द्वितीयक रंग प्राथमिक रंगों को मिलाकर बनाए जाते हैं। द्वितीयक रंग हरे, नारंगी और बैंगनी हैं।

तृतीयक रंग प्राथमिक और द्वितीयक रंगों को मिलाकर बनाए जाते हैं। तृतीयक रंगों में रेड-ऑरेंज, येलो-ऑरेंज, येलो-ग्रीन, ब्लू-ग्रीन, ब्लू-पर्पल और रेड-पर्पल शामिल हैं।

जब दो रंगों को मिलाया जाता है, तो परिणामी रंग आमतौर पर एक द्वितीयक या तृतीयक रंग होता है। हालाँकि, रंगों को मिलाने पर काला, सफेद या भूरा भी बन सकता है।

एडिटिव कलर मॉडल प्रकाश के मिश्रण पर आधारित है। इस मॉडल में, प्राथमिक रंग लाल, हरा और नीला (आरजीबी) हैं। जब ये रंग पूर्ण तीव्रता पर मिश्रित होते हैं, तो परिणामी रंग सफेद होता है। जब ये रंग कम तीव्रता पर मिश्रित होते हैं, तो परिणामी रंग विभिन्न प्रकार के रंगों का उत्पादन करता है।

घटिया रंग मॉडल वर्णक के मिश्रण पर आधारित है। इस मॉडल में, प्राथमिक रंग सियान, मैजेंटा और येलो (सीएमवाई) हैं। जब ये रंग पूर्ण तीव्रता पर मिश्रित होते हैं, तो परिणामी रंग काला होता है। जब ये रंग कम तीव्रता पर मिश्रित होते हैं, तो परिणामी रंग विभिन्न प्रकार के रंगों का उत्पादन करता है।

रंग मिश्रण एक जटिल विषय है, लेकिन इसे समझना मुश्किल नहीं है। रंग के सिद्धांत और रंग मॉडल की मूल बातों को समझकर, आप समझ सकते हैं कि जब दो रंग मिलते हैं तो क्या होता है।